(यह रचना 17 अप्रैल 2014, दैनिक जागरण. आगरा मे प्रकाशित हो चुकी है)
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान
मु्झे अपना सबसा बडा हमदर्द मान
विपक्षी तो सारे के सारे बेईमान
मेरे पूर्वजो ने बहुत दिए बलिदान
इसलिए मै ही हूँ सबसे महान
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान
नेताओ का मत करो अपमान
यही बचाते है देश का सम्मान
पूरा का पूरा देश कर दिया कुर्बान
तब जाके जुडा है घर मे विदेशी समान
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान
अपने डर को पहचान
हम ही बचाएंगे तेरी जान
जाँच एजेंसी जब पकडेगी कान
तब ढूंढेगा हमसे पहचान
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान
ये देश है स्वर्ग के समान
ये देश है सोने की खान
सब कुछ तू अपना ही जान
बस हमे दे दे हमारा लगान
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान
कौन कहता है सौ मे से अस्सी बेईमान
जरा बताओ कहाँ है वो बीस पहलवान
अभी चखाता हू इन्हे राजनीति का पकवान
इधर चखा पकवान उधर ये भी हम जैसे विद्वमान
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान
मु्झे अपना सबसा बडा हमदर्द मान
विपक्षी तो सारे के सारे बेईमान
मेरे पूर्वजो ने बहुत दिए बलिदान
इसलिए मै ही हूँ सबसे महान
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान
नेताओ का मत करो अपमान
यही बचाते है देश का सम्मान
पूरा का पूरा देश कर दिया कुर्बान
तब जाके जुडा है घर मे विदेशी समान
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान
अपने डर को पहचान
हम ही बचाएंगे तेरी जान
जाँच एजेंसी जब पकडेगी कान
तब ढूंढेगा हमसे पहचान
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान
ये देश है स्वर्ग के समान
ये देश है सोने की खान
सब कुछ तू अपना ही जान
बस हमे दे दे हमारा लगान
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान
कौन कहता है सौ मे से अस्सी बेईमान
जरा बताओ कहाँ है वो बीस पहलवान
अभी चखाता हू इन्हे राजनीति का पकवान
इधर चखा पकवान उधर ये भी हम जैसे विद्वमान
मान ना मान मै तेरा मेहमान
मुझे अपना नेता मान