फ़ोटो की योजना नहीं योजना की फ़ोटो
स्मार्ट एक जादुई शब्द है। एक बार किसी को स्मार्ट कहकर तो
देखो, चेहरे की लाली बताती है, जैसे स्मार्ट कहते ही उसका हार्ट रिस्टार्ट
हो गया हो। स्मार्ट फोन आते ही हर किसी का मन यही कहता है कि आज कुछ तूफानी
करते हैं।स्मार्ट होने के लिए जरुरी है बस एक स्मार्ट फोन, चाहे संवेदना
संदेश लिखना हो या सैल्फी लेनी हो। स्मार्ट फोन हाथ में हो तो पन्नु पंसारी
की दुकान भी वालमार्ट लगने लगती है।
आज हर माडर्न के पास स्मार्ट फोन है और वह स्मार्ट सिटी की
तरफ बढ रहा है। आज ना कुछ लिखने की जरुरत होती है, ना पढने की जरुरत है। आज
के हर माडर्न के पास एक हैंडल होता है, उस हैंडल से वो फ़ोटो
ट्विट, रिट्विट करता है। कौन-सा फ़ोटो कितना ट्विट या रिट्विट होता है, उससे
ही तय होता है कि क्या ट्रेंड कर रहा है। ट्रैंड का बैंड बताएगा कि किसका
छप्पर फटेगा या किसका लैंटर लगेगा। जो फ़ोटो जितना ट्रेंड करता उस फ़ोटो को
उतना ही फुटेज मिलता है। लिखने-पढने वाले लिखते-पढते रहे, उससे कुछ नहीं
होता, जब तक फ़ोटो व्हाट्स ऐप, फेसबुक और ट्विटर पर दनादन सैन्ड, शेयर या
रिट्विट नहीं होता तब वो ट्रैंड नहीं होता। जो ट्रैंड में नहीं है, उसे
फुटेज नहीं है,उसकी बस फुटबाल बनती है।
सेवक चाहे राजनीति के क्षेत्र में हो या सामाजिक क्षेत्र
में, हर कोई यही कहता है कि कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो, बस मेरे फ़ोटो
सैन्ड, शेयर या रिट्विट करते रहो। तुम्हारे सैन्ड, शेयर या रिट्विट ही मुझे
ट्रैंड कराएंगे और मेरे फ़ोटो के ट्रैंड से ही मुझे फुटेज मिलेगा। आज सेवक
की इच्छा नहीं है कि कोई उसका फ़ोटो अपने स्मार्ट फोन की स्क्रीन पर सेव
करे, आज हर सेवक सैन्ड, शेयर या रिट्विट का सेवन करना चाहता है। सेवक की
सेवा के पीछे मेवा के सेवन की लालसा छिपी होती है।
आज किसी को अपने सेवाभाव के बारे में ढिंढोरा पीटने की जरुरत
नहीं है क्योंकि इसे सभ्य समाज मे सही भी नहीं माना जाता, सेवककिसी को अपनी
सेवा का बस अपना फ़ोटो शेयर करता है। बिन फोटो तो योजना का भी पता लगाना
मुश्किल है कि ये योजना किसकी है और किसके लिए है। बिन फोटो की योजना तो
ऐसे ही समझी जाएगी ना जैसे बिना पता लिखी चिठ्ठी। जो भी हो अब फोटो की
योजना नहीं योजना की फोटो होगी। फ़ोटो के लिए चाहे बिजली के खम्बे पर चढना
पडे या बस्ती में डिनर करना पडे या राहत सामग्री के ट्रक को हरी झंडी
दिखानी पडे, ऐसे किसी भी फ़ोटो को शेयर करने में कौताही नहीं बरतनी चाहिए,
क्योंकि सबसे ज्यादा ट्रैंड में यही फ़ोटो लाते हैं। आज जिसके पास ट्रेंडी
फ़ोटो है उसी की फुटेज है।